साईं बाबा की कृपा और चमत्कार की कहानियाँ: भाग 6
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साईं बाबा की कृपा और चमत्कार की कहानियाँ
मेरे जीवन में शिरडी साईं बाबा की लीला


मैं बाबा की आश्चर्यजनक लीला साझा करना चाहती हूँ| मैंने साईं बाबा को सबसे पहले तब जाना जब 3-4 साल पहले मैं अपने एक मित्र के पास गई थी और साईं बाबा की फोटो और कई मूर्तियाँ देखीं| मैंने अपनी माँ से पूछा लेकिन उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया| (हम घर में साईं बाबा की पूजा नहीं करते, हम कृष्ण को मानते हैं) पिछले वर्ष मैं भारत गई और तब मेरे चचेरा भाई मुझे साईं बाबा मंदिर ले गया| (मैं अज्ञान हूँ-शायद साईं बाबा मुझे माफ़ कर दें, क्योंकि मुझे साईं बाबा के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था, मैं सोचती थी कि वे एक मानव हैं और लोग उनकी पूजा करते हैं और मैं किसी मानव की पूजा करने के विरूद्ध थी| लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था कि वे एक पवित्र आत्मा हैं जो मैं जान पाई जब मैंने साईं सत्चरित्र पढ़ा) एक दिन मैं ऑन्लाइन कुछ देख रही थी और साईं बाबा की एक पत्रिका पढ़ी| उसे पढने के बाद मैं साईं बाबा के बारे में और भी जानने के लिए उत्सुक हो गई और कुछ समर्पण पत्रिका में पढ़ा| साईं बाबा की हर एक मर्मस्पर्शी लीला को पढ कर मैं रो पड़ी| एक भक्त ने साईं सत्चरित्र के बारे में लिखा था जो कि मैंने पहली बार सुना और मैंने उसे पढने का तय किया| मुझे साईं बाबा समाधी के लाइव दर्शन सुबह 4 बजे से 23.15 तक का एक लिंक भी मिला और मैं जब भी साईं सत्चरित्र पढती तो उसे चालू कर लेती| दिल के भीतर मैं साईं बाबा की लीला के चमत्कारों को महसूस करना चाहती थी| मैं यूएसए में रहती हूँ और समय अलग होने के कारण दोपहर 12.30 के बाद साईं बाबा की रात्रि की आरती के बाद लाइव दर्शन बंद हो जाता| अब यह मेरे लिए चमत्कार ही था और साईं बाबा की कृपा थी कि 2 दिनों तक उन्होने दर्शन दिए| हालाँकि यह लाइव दर्शन था और यू एस ए में 12.30 बजे तक था लेकिन मैं बाबा की फोटो देख पाती थी और साईं बाबा के भजन सुन पाती थी| जब मैं साईं सत्चरित्र पढती तब मुझे लगता कि बाबा वहीँ मौजूद हैं| मैं बाबा की आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे दर्शन दिए| मैंने इस चमत्कार की फोटो ली और उनके लाखों भक्तों के साथ साझा करना चाहती थी| साईं बाबा का धन्यवाद कि वे मुझे अपनी ओर ले गए| मुझे विश्वास है कि बाबा ने मेरी अज्ञानता को माफ़ कर दिया होगा| अपनी शरण में लेने के लिए साईं बाबा आपका धन्यवाद और मैं अब बेहतर बनने का प्रयास करुँगी| जय साईं नाथ|
यहाँ आप पहली फोटो में साईं बाबा की लीला देख सकते हैं मैं उन्हें लाइव देख पाई और आप नीचे समय भी देख सकते हैं मैं उन्हें 6 घंटों तक लाइव देख पाई| तब मैंने दूसरी विंडो खोली क्योंकि सुबह दर्शन 4 बजे से आरम्भ होते हैं| दूसरी विंडो में देखिये, साईं बाबा को काकड़ आरती से उनकी नींद से उठाया जा रहा है| पहली लीला जब मैंने देखी तो मैं आश्चर्यचकित रह गई कि लाइव कैम अब भी काम कर रहा है| तब मैंने साईं बाबा से कहा कि यदि मुझे ऐसे ही फिर दर्शन होंगे तो मैं इस लीला को विश्व में साझा करुँगी| मुझे वही चमत्कार फिर मिला और आप देख सकते हैं कि एक फोटो में साईं बाबा के दर्शन हो रहे हैं और दूसरी विंडो में भारत में काकड़ आरती चल रही है| साईं बाबा आपका धन्यवाद| अब मैं साईं की परम भक्त बन गई हूँ| मैं साईं बाबा की और लीला देखना चाहती हूँ| जय साईं नाथ| (बड़ा आकार देखने के लिए हर फोटो पर क्लिक करें)
Read In English: Shirdi Sai Baba's Leela in My Life - Experience Of Kari
सब कुछ मिल गया साईं बाबा की कृपा से
साईं भक्त प्रज्ञा कहती है: नमस्कार हेतल जी| मैं बाबा के साथ अपना एक अनुभव साझा करना चाहती हूँ| कृपया साईं बाबा के साथ मेरा यह अनुभव अपने ब्लॉग में शामिल करें| जय साईं राम|
मुझे शिर्डी जाने की बड़ी गहरी इच्छा थी| पिछली बार मैं जनवरी 2008 में गई थीं| आखिर बाबा ने 13 ऑक्टोबर 2009 को बुलाया| हमने पुणे से सुबह 6.30 बजे अपनी यात्रा प्रारंभ की| मुझे 11 माह की एक बच्ची है| यह उसकी पहली शिर्डी यात्रा थी| यात्रा के पहले दो घंटे बहुत अच्छे गुजरे| उसके बाद मैंने बेटी को थोडा दूध दिया|
तुरंत 10 मिनट में उसने पूरी उल्टी कर दी और खूब जोर से रोने लगी| मैं थोडा घबरा गई| 1घंटे बाद मैंने उसे थोडा पानी पिलाया| उसकी भी उल्टी हो गई| वह बहुत असहज हो गई और बहुत रोने लगी|
हमने अब तक सिर्फ आधी दूरी तय की थी| मैं परेशां हो गई और अपने पीटीआई से बोली कि हमें वापस पुणे लौट जाना चाहिए| मैं मन में सोच रही थी कि बाबा हमें बुलाना नहीं चाहते| मेरे पति बोले कि हम आगे चलते हैं यदि कुछ हुआ तो वापस पुणे लौट जायेंगे|
मैंने बाबा से प्रार्थना की| मैंने साईं बाबा के 11 वचन पढने शुरू किये| 10 से 15 मिनट बाद मेरी बेटी सो गई| वह 1 घंटे तक सोती रही| आखिर हम शिर्डी पहुँच गए| हम एक होटल में गए| वहां मैंने उसे थोड़ी खिचड़ी खिलाई| वह बेहतर थी| हम मंदिर गए और बाबा के अद्भुत दर्शन हुए| मेरी बेटी को कोई उल्टी नहीं हुई और सारे रास्ते मज़े से खेलती रही और हम सुरक्षित पुणे पहुँच गए| मैं बहुत खुश थी कि मेरी बाबा के पास जाने की इच्छा पूरी हुई| जय साईं नाथ| जय साईं राम|
Read In English: Sai Baba Took All Care - Sai Devotee Pragyan
साईं बाबा में मेरा विश्वास असत्य नहीं है
साईं भक्त साईं किरण कहते हैं: मेरे बचपन में मैं हनुमानजी की पूजा करता था| वे दिन वाकई बहुत अच्छे थे| 10 वीं कक्षा से मैं साईं बाबा पर विश्वास करने लगा| हर निर्णय मैं साईं से पूछता| बाद में मेरे प्रश्नों का कोई हल न मिलता| आखिर मैं प्रार्थना करता-“इस विषय में जो भी हुआ वह आप पर है, आप मेरे भगवन हो, मेरा विश्वास है कि आप मेरे लिए अच्छा ही करोगे|”
मैंने बी.टेक के लिए एक अच्छे कॉलेज में प्रवेश माँगा, लेकिन मेरे क्लासमेट जिन्होंने दूसरे कॉलेज में प्रवेश लिया था, उन्हें मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई| जिस कॉलेज में मैं गया उसमे कैंपस सिलेक्शन नहीं हुआ| बड़ी मुश्किल से मुझे एक छोटी सी नौकरी मिली| मैंने सोचा कि यह मेरी सफलता की पहली सीढ़ी है| लेकिन नौकरी में मुझे बहुत सी परेशानियां आईं| मैंने दर्द झेला, जबकि तनखाह कम थी और सब कुछ गलत हो रहा था, मैंने सब कुछ बड़े धैर्य से झेला|
20 फरवरी 2009 को साईं मंदिर में मेरा हैण्ड बैग गुम हो गया| उसी दिन मेरा एक्सीडेंट हो गया| नौकरी में बहुत बहस हुई| मेरी मानसिक शांति भंग हो गई और मैं परेशां हो गया| मैंने नौकरी छोड़ दी|
मैंने शिर्डी जाने का तय किया, लेकिन मेरी दादी का देहांत हो गया और नहीं जा पाया| फिर अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से आखिर शिर्डी गया| लगातार 5 आरती में शामिल हुआ| मैं बहुत खुश हुआ कि मेरे सारे दुःख समाप्त हो गए| मैंने उनसे एक अच्छी नौकरी मांगी|
वे सबको प्यार करते हैं, यह उनका वचन है| लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि वे मुझसे घृणा क्यों करते हैं और मुझे क्यों इस तरह परेशां करते हैं| सचमुच मुझे समझ नहीं आ रहा| इतनी परेशानी क्यों| यदि वो मुझे मरने को कहें तो मैं ख़ुशी खुशी उनके लिए मरने को तैयार हूँ| लेकिन मैं यह दर्द सहन नहीं कर सकता कि मेरा साईं पर विश्वास असत्य है|
Read In English: My Faith In Sai Baba Is Not Untrue - Experience Of SaiKiran
© Sai Teri Leela - Member of SaiYugNetwork.com
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